بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ
असली इस्लामी दुआएं
हर मौके के लिए
इस्लामी दुआओं की खूबसूरती को दरियाफ्त करें असली अरबी मतन, उच्चारण, और हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में तर्जुमे के साथ।
मुख्य दुआएं
अपने रूहानी सफर की शुरुआत करें इन ज़रूरी और सबसे महबूब दुआओं के साथ जो कुरान और सही हदीस से ली गई हैं।
अत्तहियात दुआ
التَّحِيَّاتُ لِلَّهِ وَالصَّلَوَاتُ وَالطَّيِّبَاتُ، السَّلَامُ عَلَيْكَ أَيُّهَا النَّبِيُّ وَرَحْمَةُ اللَّهِ وَبَرَكَاتُهُ، السَّلَامُ عَلَيْنَا وَعَلَى عِبَادِ اللَّهِ الصَّالِحِينَ، أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ
उच्चारण:
Attahiyyatu lillahi wassalawatu wattayyibatu, assalamu ‘alaika ayyuhan nabiyyu wa rahmatullahi wa barakatuhu, assalamu ‘alaina wa ‘ala ‘ibadillahis salihin, ashhadu an la ilaha illallahu wa ashhadu anna Muhammadan ‘abduhu wa rasuluhu
तर्जुमा:
सारी तारीफ़ें, नमाज़ें और पाक चीज़ें अल्लाह के लिए हैं। ऐ नबी! आप पर सलाम हो, अल्लाह की रहमत और बरकतें हों। हम पर और अल्लाह के नेक बन्दों पर सलाम हो। मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद (स.अ.व.) उसके बन्दे और रसूल हैं।
मसदर: सहीह अल-बुख़ारी
नया कपड़ा पहनने की दुआ
اللَّهُمَّ لَكَ الْحَمْدُ أَنْتَ كَسَوْتَنِيهِ أَسْأَلُكَ مِنْ خَيْرِهِ وَخَيْرِ مَا صُنِعَ لَهُ وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّهِ وَشَرِّ مَا صُنِعَ لَهُ
उच्चारण:
Allahumma lakal hamdu anta kasawtanihi as’aluka min khayrihi wa khayri ma suni‘a lahu wa a‘udhu bika min sharrihi wa sharri ma suni‘a lahu
तर्जुमा:
ऐ अल्लाह! सारी तारीफ़ तेरे लिए है, तूने मुझे यह कपड़ा पहनाया। मैं तुझसे इसकी भलाई और जिस मकसद के लिए यह बनाया गया उसकी भलाई माँगता हूँ। और मैं तेरी पनाह माँगता हूँ इसकी बुराई से और जिस मकसद के लिए यह बनाया गया उसकी बुराई से।
मसदर: अबू दाऊद, तिर्मिज़ी
नींद आने की दुआ
بِاسْمِكَ رَبِّي وَضَعْتُ جَنْبِي وَبِكَ أَرْفَعُهُ فَإِنْ أَمْسَكْتَ نَفْسِي فَارْحَمْهَا وَإِنْ أَرْسَلْتَهَا فَاحْفَظْهَا بِمَا تَحْفَظُ بِهِ عِبَادَكَ الصَّالِحِينَ
उच्चारण:
Bismika Rabbi wa daʻtu janbi wa bika arfaʻuhu fa in amsakta nafsi farhamha wa in arsaltaha fahfazha bima tahfazhu bihi ʻibadakas-saaliheen
तर्जुमा:
ऐ मेरे रब! मैं तेरे नाम से अपना पहलू (जिस्म) रखता हूँ और तेरी ही वजह से उठाता हूँ। अगर तू मेरी रूह रोक ले तो उस पर रहम कर, और अगर भेज दे (सुबह का मौका दे) तो उसे वैसे ही हिफाज़त में रखना, जैसे तू अपने नेक बंदों की हिफाज़त करता है।
मसदर: बुख़ारी, मुस्लिम
वुज़ू के बाद की दुआ
أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ
उच्चारण:
Ashhadu an la ilaha illallahu wahdahu la sharika lahu, wa ashhadu anna Muhammadan abduhu wa rasuluhu
तर्जुमा:
मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं, वह अकेला है, उसका कोई शरीक नहीं और ये कि मुहम्मद (ﷺ) उसके बन्दे और रसूल हैं।
मसदर: सही मुस्लिम
जुम्मा मुबारक दुआ
اللَّهُمَّ اجْعَلْ هَذَا الْيَوْمَ مُبَارَكًا وَاغْفِرْ لَنَا ذُنُوبَنَا وَارْحَمْنَا يَا أَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ
उच्चारण:
Allahumma-j‘al hadha al-yawma mubārakan, waghfir lana dhunubana, warhamna ya arhamar rahimeen
तर्जुमा:
ऐ अल्लाह! इस दिन को हमारे लिए मुबारक बना दे, हमारे गुनाह माफ़ कर दे और हम पर रहम फरमा, ऐ सबसे बढ़कर रहम करने वाले।
मसदर: रिवायती दुआ
दुआ-ए-रिज़्क़
اللَّهُمَّ اكْفِنِي بِحَلَالِكَ عَنْ حَرَامِكَ وَأَغْنِنِي بِفَضْلِكَ عَمَّنْ سِوَاكَ
उच्चारण:
Allahumma-kfini bihalalika ‘an haramika, wa aghnini bifadlika ‘amman siwaka
तर्जुमा:
ऐ अल्लाह! मुझे अपने हलाल से इतना किफ़ायत दे दे कि मुझे तेरे हराम की ज़रूरत न पड़े, और मुझे अपने फज़्ल से इतना बेनियाज़ कर दे कि मुझे तेरे सिवा किसी और की ज़रूरत न पड़े।
मसदर: जामिअ़ तिर्मिज़ी: हदीस 3563
अज़ान के बाद की दुआ
اللَّهُمَّ رَبَّ هَذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ وَالصَّلاَةِ الْقَائِمَةِ آتِ مُحَمَّدًا الْوَسِيلَةَ وَالْفَضِيلَةَ وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا الَّذِي وَعَدْتَهُ
उच्चारण:
Allahumma Rabba haadhihi-dda‘wat-it-taammah, was-salaat-il-qaa’ima, aati Muhammadan-il-waseelata wal-fadheelah, wab’ath-hu maqaaman mahmoodan-il-ladhi wa‘adtahu
तर्जुमा:
ऐ अल्लाह! इस मुकम्मल पुकार (अज़ान) और कायम होने वाली नमाज़ के रब! मोहम्मद (ﷺ) को वसीला और फज़ीलत अता फरमा, और उन्हें उस मक़ामे महमूद पर पहुँचा जिसने तूने उनके लिए वादा किया है।
मसदर: सही बुखारी: 614, सही मुस्लिम: 384
दुआ-ए-मसूरा
اللَّهُمَّ إِنِّي ظَلَمْتُ نَفْسِي ظُلْمًا كَثِيرًا وَلَا يَغْفِرُ الذُّنُوبَ إِلَّا أَنْتَ فَاغْفِرْ لِي مَغْفِرَةً مِنْ عِنْدِكَ وَارْحَمْنِي إِنَّكَ أَنْتَ الْغَفُورُ الرَّحِيمُ
उच्चारण:
Allahumma inni zalamtu nafsi zulman kathiran, wa la yaghfiru adh-dhunooba illa ant, faghfir li maghfiratan min ‘indika warhamni, innaka anta al-Ghafoor ur-Raheem.
तर्जुमा:
“ऐ अल्लाह! मैंने अपनी जान पर बहुत ज़्यादती की है, और गुनाहों को माफ़ करने वाला तुझसे ज़्यादा कोई नहीं है। मुझे अपने पास से माफ़ी दे दे और मुझ पर रहम कर, बेशक तू ही बड़ा बख्शने वाला, बहुत रहम करने वाला है।”
मसदर: सही बुखारी 834, सही मुस्लिम 2705
सफ़र की दुआ
سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ. وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ
उच्चारण:
Subhana-l-ladhi sakhkhara lana hadha wa ma kunna lahu muqrinin. Wa inna ila Rabbina lamunqalibun.
तर्जुमा:
पाक है वह (अल्लाह), जिसने इसे हमारे क़ाबू में कर दिया, जबकि हम इसे क़ाबू में करने वाले न थे; और बेशक हमें अपने रब की ही तरफ़ लौट कर जाना है।
मसदर: सूरह ज़ुख़रुफ़ 43:13-14, सही मुस्लिम: 2392
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